COVID-19

कोरोना वायरस आज पूरे विश्व के लिये एक महाकारी बन चुका है। विश्व के आज 190 देश इसकी चपेट मे आ गये है। अभी तक इसके कुल 15,36,979 मरीज पाये जा चुके है और जिनमे से मात्र 3,46,376 लोग ही रिकवर कर पाये है और अबतक 93,425 लोगो की जान ले चुका है कोरोना। भारत में भी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। अभी तक कुल पॉजिटिव केसेज की संख्या बढ़कर करीब 165,865 हो गई, जबकि 6569 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

कब तक और जायेंगी जाने

केवल भारत ही नही बल्कि दुनिया के हर बडे और चोटे देश कोरोना वायरस का इलाज धूंध रहे है और क्लिनिकल ट्रायल(Clinical Trail)का दौर जारी है पर अभी तक कोई पक्की जानकारी नही मिली है की कब तक वैक्सीन बनेगी। BBC की नयी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका जल्द ही दे सकता है कोरोना से लड्ने का हथियार अब देेखना है वो जल्द ही कब तक आता है।

कैसे बनेगी कोरोना की वैक्सीन

भारत सरकार ने कोरोना से लड़ने और उसकी वैक्सीन बनाने का काम देश की सर्वश्रेस्ट संस्था नेशनल इंस्टीटूड ओफ इमुनिटी(एनआइआइ) को दिया है। कोविड-19 के उपचार के लिए टीका या दवा के विकास की बात हो या दवा की तरह क्लोरोक्वीन, वैज्ञानिक जुटे हुए हैं।आईआईटी चेन्नई से एम.टेक और आईआईटी दिल्ली से डाक्टरेट डा. पांडा ने कहा, “भारत में वायरस से संक्रमित कई लोग ठीक हो गए हैं। हम देखेंगे कि उनके एंटीबाडी ने किस तरह वायरस का मुकाबला किया। इसी तरह हम वायरस के प्रकार को भी देखेंगे। यह भी हो सकता है कि जर्मनी या इटली या चीन से आने वाले भिन्न स्ट्रेन हो। इस वक्त इन सभी चीजों को बताना मुश्किल है।”

इसके अलावा हैदराबाद यूनिवर्सिटी भी इसी काम मे लगी है जिसका कहना है कि “ये एपिटोप्स मानव कोशिकाओं पर कोई विपरित प्रभाव नहीं डालते हैं, इसलिए प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया वायरल प्रोटीन के खिलाफ होगी, मानव प्रोटीन के खिलाफ नहीं। इस रिचर्स को फिलहाल आगे की टेस्टिंग के लिए भेजा गया है, जिसके रिजल्ट का इंतजार है।”

अपना और अपने घरवालो का जबतक रखे ख्याल